इमेज कैप्शन, मुंशी प्रेमचंद की कहानियां 'मानसरोवर' नामक संग्रह में प्रकाशित हुई हैं. ....में
As we embark over a literary odyssey, we dig in the enchanting world of Hindi fiction books, celebrating the brilliance of storytellers who may have crafted tales that transcend time and Place. In the eloquence of Premchand’s poignant realism to the trendy-day Hindi poetry by Harivansh Rai Bachchan, Hindi literature has continually evolved, charming viewers with its capacity to mirror Modern society and articulate the complexities in the human soul.
एक समय की बात है। एक अमीर जमींदार रहता था, उसके पास कई जमीनें थीं लेकिन वह कंजूस था। पैसे उधार देते समय वह बहुत सतर्क रहता था। इसलिए, गांव के किसान कभी भी उसकी जमीन पर खेती करने के लिए तैयार नहीं हुए। प्रत्येक बीतते दिन के साथ, ज़मींदार की ज़मीन अपनी जल धारण शक्ति खोने लगी और बंजर बन गई।
शेख़ हसीना के मामले में भारत के सामने क्या हैं विकल्प?
हरियाणा में बीफ़ के शक़ में बंगाल के एक युवक की पीट-पीटकर हत्या, क्या है पूरा मामला
इस बीच नए युवा कहानीकारों ने नए सिरे से बदले जीवन अनुभवों और बदले यथार्थ को अपनी कहानियों में समेटना शुरू किया है.
काफी देर भटकने के बाद उसे जोर से भूख और प्यास लगी।
एक सरोवर में विशाल नाम का एक कछुआ रहा करता था। उसके पास एक मजबूत कवच था। यह कवच शत्रुओं से बचाता था। कितनी बार उसकी जान कवच के कारण बची थी।
Graphic: Courtesy Amazon A novel created by Kashinath Singh, this Hindi fiction e-book was at first released in Hindi. Established while in the spiritual and cultural hub of Varanasi, the novel presents a vivid portrayal of the town’s multifaceted daily life and its socio-cultural intricacies. Kashinath Singh explores the complexities of the town in the lens of its inhabitants, capturing the essence of Varanasi’s ancient traditions, spiritual practices, and the clash involving modernity and age-previous customs.
अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बेडौल फटी-फटी आकृति खींचने लगी। सात नंबर कमरे से लड़कियों की बातचीत और हँसी-ठहाकों का स्वर अभी तक आ रहा था। लतिका ने दरवाज़ा खटखटाया। निर्मल वर्मा
is really a renowned Hindi poem penned from the famous Indian poet Harivansh Rai Bachchan. It interprets to “Your home of Wine,” and the poem can be a metaphorical exploration of everyday living’s journey from the allegory of the tavern. In this particular literary masterpiece, Bachchan utilizes the metaphor of a tavern to symbolise the various levels and activities of existence. The verses are rich in symbolism, touching on themes of Pleasure, sorrow, really like, and also the transient mother nature of existence.
भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा,लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे देखता हूँ। here बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती
गाय को अपनी ओर आता देख सभी लड़के नौ-दो-ग्यारह हो गए।
interprets to “The House of Support” in English. The novel explores the societal norms and issues confronted by Gals in early twentieth-century India. The story revolves across the protagonist, Suman, a youthful and idealistic lady who strives for independence and self-realisation in a conservative and patriarchal Culture. Suman’s journey can take her by means of many struggles and conflicts as she attempts to break away from the normal roles assigned to Gals.